हनुमान जी की पूजा के नियम nadan saurav

हनुमान जी की पूजा के नियम

जब कोई भक्त हनुमानजी को सच्चे मन से समर्प्रित होकर याद करता है तब आसानी से हनुमानजी उस पर प्रसन्न हो जाते है | हम्हे यह जानना चाहिए की वो अपने भक्तो से क्या क्या चाहते है | जैसा की हम जानते है की वो राम के परम भक्त है और खुद वानर है अत: प्रभु राम की भक्ति और वानरों को गुड चन्ने और केले का प्रसाद खिलाना , अचूक उपाय है हनुमान जी को खुश करने का | इसके अलावा हनुमान जी को सिंदूर लगाना भी सबसे प्रिय पूजा के भागो में से एक है |हनुमान जी अपने माँ पिता के बड़े लाडले थे अत: माँ अंजना और पिता केसरी के जयकारे से भी हनुमान अति शिग्रह प्रसन्न होते है | 

आइये जाने हनुमानजी को खुश करके उनकी विशेष कृपा पाने के कुछ नियम और कार्य

हर दिन भगवान श्री हनुमान की मूर्ति या तश्वीर या हो सके तो मंदिर में जा कर दर्शन करे |सुबह जगने के बाद और रात्रि में सोने से पहले हनुमान चालीसा या हनुमान मंत्र का जाप करे |दिन में कम से कम एक बार हनुमान चालीसा पूर्ण ध्यान और समझते हुए पढ़े |

यदि हो सके तो पूर्ण रूप से मांसारी खाना और मादक पेय त्याग दे |हनुमान भक्त को श्री राम और माँ जानकी की भी पूजा करनी चाहिए |हो सके तो मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी का व्रत करना चाहिए |हर मंगलवार या शनिवार को हनुमान मंदिर में बालाजी की लाल मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाना चाहिए उसके बाद जनेऊ पहनानी चाहिए फिर उन्हें गुड चन्ना या केले का प्रसाद चढ़ा कर हो सके तो वानरों को यह प्रसाद खिलाना चाहिए |

इस तरह इन बातो का ध्यान और पालन करते हुए आप बालाजी महाराज की विशेष कृपा के पात्र बन सकते है | समर्पण और धैर्य ही उचित कुंजी है हनुमान कृपा द्वार खोलने के लिए |

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